उत्तराखंड में अभी जो त्रासदी आई हुई है, उसे अगर 'हिमालयन सुनामी' कहा जाये तो कम ही होगा। जितनी बड़ी तादाद में लोग अभी भी वहां फंसे है, और परिस्थितियां जितनी जटिल हैं, उन्हें देखते हुए, ये अब तक की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके ।
यह समय दोषारोपण का तो कतई नहीं है, अभी तो सभी को मिलकर काम करना होगा ।
ऐसे में अत्याधुनिक तकनीकों से काम करना पड़ेगा, जरूरत पड़ने पर हम बाहर से भी मदद ले सकते है, वैसे हमारी आर्मी जैसे काम कर रही है, मुझे नही लगता इसकी जरूरत पड़ेगी । अगर उसे सही से काम करने दिया जाता है।
अब बारी आई हम सबकी, हमारा सबका भी काफी अहम योगदान हो सकता है, कई एन. जी. ओ. है जिनके जरिये हम राहत सामग्री,आर्थिक मदद, श्रमदान के जरिये अपना योगदान दे सकते है ।
यहाँ मैं एक एन. जी. ओ. "गूँज(Goonj)" का नाम लेना चाहता हूँ, आप इस पेज पर जाकर अपनों क्षमतानुसार सहयोग कर सकते है।
और इस सबसे हटकर, अगर आपका कोई मित्र, सम्बन्धी अगर इस दुखद आपदा में फंसा हुआ है, या आपके पास कोई प्रभावित की जानकारी है, उसकी जानकारी उसके परिवार तक पहुँचाना चाहते है, तो ये बहुत बड़ा काम होगा ।
इसमें वैसे तो राज्य सरकार ने भी कई हेल्प-लाइन नंबर दिए हुए है, वो मैं यहाँ साझा कर रहा हूँ,
उत्तरकाशी: (+91) 1374-226461,
चमोली: (+91) 1372-251437, 9411352136,
रुद्रप्रयाग: (+91) 1364-233727,9412914875,
टिहरी: (+91) 1376-233433, 9411548090
केदारनाथ: (+91) 1364-233727
कंट्रोल रूम (उत्तराखंड): (+91) 135-2710334, 9557444486,
साथ ही गूगल ने अभी हाल ही में इस सब को ध्यान में रखकर अपने "परसन फाइंडर(Person Finder)" वेब एप्स का इंडियन वर्जन लांच किया है ।
जहाँ इसे आप दो तरीके से यूज कर सकते है, अगर आपके पास कोई जानकरी है तो उसे यहाँ दर्ज करा सकते है, जिसे कोई भी एक्सेस कर सकेगा ।
उम्मीद यही है कि ये उपयोगी साबित हो।