जैसा कि टेक्नोलोजी दिन व दिन उन्नत होती जा रही है | मैंने आपको अपने ब्लॉग में पुरानी टेक्निक और नयी टेक्निक के बारे में भी बताया | अखबार तो आपके दिन की शुरुआत का अभिन्न अंग होगा ही | अखबार सब पढते है | अखबार ने भी कई दौर देखे ब्लैक एंड व्हाइट से कलर, इ-न्यूजपेपर और आगे कैसा होगा हमारा अखबार ?
चलो आज इसी पर चर्चा कर लेते है ......क्यूंकि हम्हें पता है कि टेक्नोलोजी ने सबको बदला है, तो अखबार (समाचार पत्र) कैसे अछूता रह सकता है | वैसे अखबार ने इलेक्ट्रोनिक रूप से तो हम सब वाकिफ है , लगभग सभी समाचार पत्र अपनी एक कोपी इ-पेपर के रूप में अपनी वेब-साईट पर उपलब्ध कराते है | पर ये पीसी या लैपटॉप पर तो पढ़ा जा सकता है |
लेकिन जल्द ही अखबार का इलेक्ट्रोनिक रूप आप अखबार की तरह ही सुबह हाथ में पायेगे | अखबार के मोटाई से थोडा ही मोटा, पर बहुत ही सरल और सुविधाजनक | आपने Amazon Kindle और Sony Reader आगे चलकर इलेक्ट्रोनिक अखबार के लिए बेहतर विकल्प होंगे | वैसे विकिसित देशों में ये काफी पोपुलर भी हो रहा है | Amazon Kindle और Sony Reader से इ-बुक्स को बड़ी आसानी से पढ़ा जा सकता है |
सबसे पहले Sony ने इ-बुक रीडर अप्रैल 2004 में LIBRIe नाम से उतारा था | उसके बाद Holland's iRex ने iLiad नाम एक ऐसा ही डिवाईस मार्केट में उतारा था | उसके बाद Sony ने Sony Reader लॉन्च किया | एक ऐसा ही डिवाईस इसी दौरान चीन में भी विकिसित किया गया था | जोकि पेन-इनपुट तकनीक को भी सपोर्ट करता था |
नबम्बर 2007 में Amazon ने Kindle नाम से वायरलेस इ-बुक रीडर लॉन्च किया | जो आजकल अमेरिका में काफी पोपुलर हो रहा है | इस दौरान कई और बेहतर इ-बुक रीडर भी आये |
पर अब Cambridge University के वैज्ञानिकों के द्वारा विकिसित की गयी तकनीक के आधार पर ब्रिटेन की एक कम्पनी Plastic Logic ने प्लास्टिक से बनी स्क्रीन वाला डिवाईस लॉन्च करने जा रहा है | यह एक पत्रिका (मेगजीन) के वज़न के बराबर भारी होगा | साथ ही डाउनलोडिंग, टचस्क्रीन, सुरिक्षित, तेज, सुविधाजनक जैसी सुविधाएं तो है ही | ये डिवाईस बिलकुल हमारे समाचार पत्र जैसा हो सकता है | हर रोज सुबह या किसी भी समय आप इसमे उपडेट हो सकेंगे |
यह डिवाईस अगले साल (2010) के जनवरी या फरबरी में मार्केट में आ जायेगा | आप चित्र में देखकर अंदाज़ लगा सकते है , की ये कितना सुविधाजनक है |
जहाँ तक अपने देश की बात है , तो एक सर्वे के अनुसार करीब 35% प्रकाशक इस तरह की टेक्नोलोजी का इस्तेमाल करने के इच्छुक है | जबकि यही आंकड़ा सिंगापुर के लिए 74% तक चला जाता है |इस सर्वे को आप यहाँ विस्तार से पढ़ सकते है |