
कम्प्यूटर, इंटरनेट तो कभी नई नई वेबसाईट तो कभी कोडिंग बोडिंग …थोडा बोरिंग हो चला है, आपको नहीं लगता कि अब कुछ हल्का फुल्का हो जाये | हाँ हाँ क्यूँ नहीं …….पर एक शर्त “चिटठा” तकनीकी है तो “मौज-मस्ती” भी तकनीकी होनी चाहिए | हाँ हाँ बिलकुल ….तो शुरुआत हो हमेशा इतिहास या क्रमिक विकास से ही करते है तो ये नीचे वाली तस्वीर तो देखिये ज़रा जहाँ “कम्प्यूटर” के क्रमिक विकास को कितने बढ़िया ढंग से दिखाया है | जाने ये क्रमिक विकास कहाँ तक जायेगा ? हाँ हाँ...