१९ अप्रेल २००९ को जब पहली बार खेल खेल मे एक “तकनीक” से रिलेटेड “टूटी-फूटी” पोस्ट लिखी तब पता नहीं था कि यहाँ तक पहुँच जायेंगे , ये सब आपके प्यार और सहयोग से हो गया | अभी भी मैं “हिंदी ब्लोगिंग” मे अपरिपक्व लिखाडी ही हूँ | जो थोडा बहुत इधर उधर से सिखता हूँ, उसे यहाँ साझा कर देता हूँ | फिर भी आप लोगों का भरपूर सहयोग एवं प्यार मिला | यही तो “हिंदी ब्लोगिंग” की खासियत है ….जो यहाँ एक बार आ गया फिर यहाँ रम जाता है | वही कुछ मेरे साथ हो रहा है | वैसे तो मैं “लिख” तो सित० २००८ से रहा हूँ , तब “ज़रा मेरी सुनिए”, “ज्ञानांजली” और “फन की बस्ती” मे लिखता था |
फिर विचार आया अपने पसंदीदा “टोपिक” पर क्यूँ ना लिखा जाये? बस “टेकटच” का जन्म हुआ | पहले तो मैं यहाँ नियमित नहीं रहा पाया, उसका भी कारण है |(परीक्षायों की तैयारियों के समय) फिर 2010 से थोडा ज्यादा सक्रिय होने का प्रयास किया है |
चलो कोई बात नहीं अभी वक्त है एक जबरदस्त “सेलिब्रेशन” का | जबर्दस्त मतलब ….हाँ हाँ एक साल तो पूरा हुआ ही है साथ “टेकटच” का सैकडा भी पूरा होने जा रहा है | तो हुआ न डबल “सेलिब्रेशन” ?
आप लोगों की सराहना तथा प्यार तो बखूबी मिला पर शिकायतें कम मिली ऐसा क्यूँ ? शिकायतों की ज्यादा जरूरत होती है क्यूंकि उससे अपने आप को और अधिक निखारा जा सके |उम्मीद है आप लोग इस ओर भी ध्यान देंगे |
हाँ भाषा पक्ष मे मात खा जाता हूँ , “हिंदी” नहीं रह पाती, शायद “विषय” हो ऐसा फिर कोसिस ज्यादा से ज्यादा “हिंदी” रखने की कोसिस करूँगा | और शैली हम जैसों के पास कहाँ रखी…आप लोगों से निरंतर सीख रहा हूँ |
भविष्य मे भी “टेकटच” को आप लोगों के इतने तथा इससे ज्यादा प्यार तथा सहयोग की जरूरत है |
और अब कुछ आंकड़े हो जाएँ
और
धन्यवाद
राहुल राठौड
वर्षगांठ और सौवीं पोस्ट की बधाई!
ReplyDeleteहिन्दी में यदि तकनीकी शब्द अंग्रेजी या किसी भाषा के ज्यों के त्यों भी आ जाएँ तो कोई तकलीफ नहीं होती पर कोशिश को कोशिस लिखा जाए तो होती है। राहुल भाई थोड़ा ध्यान देंगे तो हि्न्दी भी अच्छी हो लेगी और जो थोड़ी बहुत होती हैं वे भी गलतियाँ नहीं होंगी।
बहुत बहुत बधाईयाँ
ReplyDeleteशुभकामनाएं...
ReplyDeleteलख लख बधाइयाँ। शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत बधाई हो राहुल जी । आज हिंदी ब्लोग्गिंग में आप जैसे तकनीकी दक्ष लोगों की बहुत जरूरत है ।और हां द्विवेदी जी की बातों पर भी ध्यान दें बेहतरी के लिए
ReplyDeleteबहुत बधाई ...!!
ReplyDeleteशुभकामनाएं.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाईयाँ
BLOGING KO EK SAMANANTAR MIDIA KE ROOP MAIN ASTHAPIT KARNE KE KSHETR MAIN AAPKA BHI YOGDAN CHAHIYE HOGA,TAIYAR RAHEN.
ReplyDeleteबहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ हों...ऐसे ही जारी रहो!!
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteराहुल जी बधाई हो !
ReplyDeleteसाथ ही आपसे आशा है की आप भविष्य में भी इस ब्लॉग के माध्यम से बेहतरीन जानकारी देते रहेंगे
एक बार फिर से ढेरो शुभकामनाएं!
ब्लॉग की वर्षगाँठ पर हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteढेरोँ बधाइयाँ और असीम शुभकामनाएँ । हिन्दी अपनी मातृभाषा है । इसके विकास शुचिता शुद्धता की जिम्मेदारी हमारी ही बनती है । तकनीकी शब्दावली बाहर से आए तो आए उसका भी स्वागत है । पर हमारा कर्त्तव्य होना चाहिए कि हम कोशिश जारी रखेँ ना कि कोसिस ।
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteaap ko badhai or is ke siwa ham or de bhi kya sakte he sa hi he na
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com
जरूर देगें जी बधाई. बहुत सारी शुभकामनाएं भी देते है...स्वीकारें.
ReplyDeleteबिल्कुल जी, लीजिए बधाई
ReplyDeleteलेकिन द्विवेदी जी के इशारे को गंभीरता से लीजिए
बधाई हो बधाई।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
बधाईयां जी बधाईयां :)
ReplyDeleteबधाई लीजिये
ReplyDeleteआप सभी का हार्दिक से शुक्रिया
ReplyDelete"दिनेश जी" एवं "अशोक जी" मैंने आपकी बात को गाँठ बाँध लिया है | कोशिश करूँगा की शुद्ध हिंदी लिखूं |
वैसे मैं इस "कोशिश" या "कोसिस" की गलती शुरू से ही कर रहा था , जान भी लिया था, पर अब आगे बिलकुल "बंद"
आज पहली बार आपका ब्लॉग देखा. सचमुच आप बधाई के पात्र हैं. शुभकामनाएं
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