जी हाँ सही पढ़ा आपने …गर्मियों का मौसम चल ही रहा है | फ्रिज की अहमियत तो सबको पता ही है ..पर दूर-दराज के इलाकों में फ्रिज अभी भी पहुँच से दूर है | ऐसे में गोदरेज एंड बोयस (Godrej and Boyce) ने एक शानदार प्रोडक्ट है :ChotuKool
पहली खूबी तो इसकी ये हैं की ये बिना बिजली के चल सकेगा, और दूसरी खूबी ये है कि इसकी कीमत भी मात्र Rs 3250.
चलो अब इसकी और खूबियों पर भी नज़र डाल लें:
1. वजन मात्र 8 Kg है, अतः ये काफी सुबाह्य(Portable) भी है |
2. सामान्य फ्रिज की तुलना में ये आधी उर्जा में ही चलेगा, क्योंकि इसमें कंप्रेसर की जगह एक चिप और एक छोटा सा कूलिंग फैन (जो प्राय CPU में होता है) लगा है |
3. बैटरी से चलेगा |
4. इसमे मात्र 20 पुर्जे ही है, जबकि सामन्य फ्रिज में करीब 200 पुर्जे होते हैं |
5. क्षमता: 3-4 Kg, and 5-6 water bottle
बिना बिजली से चलने वाला 100 साल पुराना फ़्रीज रायगढ मे रखा है।
ReplyDeleteदमदार चीज है।
ReplyDeleteआपको ये जानकारी कंहा से प्राप्त हुई है अगर कंपनी कि किसी साईट पर ये जानकारी है तो बताइयेगा | नयी जानकारी के लिए आभार |
ReplyDeleteअरे जनाब फ़्रिज कभी नही चलता? क्यो कि उस के पेर नही होते, ना ही पहिये होते हे, अजी वो काम करता हे, चलने के लिये पेरो की जरुरत पडती हे:) बिना बिजली के काम करता हे,चलता नही:)
ReplyDelete@ललित शर्मा, हाँ हाँ ये अपने तरीके का कोई नया नहीं है, ऐसी ही कई तकनीके आज से कई वर्ष पहले से ही है | कुछ विकिपीडिया लिंक शेयर कर रहा हूँ |
ReplyDelete1. http://en.wikipedia.org/wiki/Coolgardie_safe
2. http://en.wikipedia.org/wiki/Icy_Ball
3.http://en.wikipedia.org/wiki/Ammonia_Refrigeration
5. http://en.wikipedia.org/wiki/Pot-in-pot_refrigerator
और अपने ही देश का एक और ऐसा ही प्रोडक्ट है : मिटटीकूल (यहाँ देखें)
http://www.sankalpindia.net/drupal/know-india/mitticool-cool-indian-innovation
@नरेश सिंह राठौड, ये जानकारी मुझे यहाँ से मिली:
http://www.gizmag.com/refridgerator-rural-india-chotukool/13680/
@राज भाटिया जी, आपके सुझाव पर भी अमल हो गया है |
धन्यवाद
इसकी कुलिंग छमता के बारे में तो बताय ..?
ReplyDelete"Ready" is ready on June 03, 2011 & Watch official trailer
ReplyDeleteअरे वाह.. बहुत बढ़िया है...
ReplyDeleteभदरी राजभवन में एक विदेशी फ्रीज़ रखा हुआ था जो बेहद भारी था मगर उसे चलाने के लिए एक लैम्प जला कर उसके नीचे रखना होता था... उस समय बिजली की व्यवस्था नहीं रही होगी...
ReplyDeleteबढ़िया है ये तो .. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तो वरदान
ReplyDelete