हम्हें “अनेकता में एकता” वाली बात जो हमेशा से ही भारत के लिए पहचान है ..उसको साबित करना है | न ही किसी की हार न ही किसी की जीत …..किसी भी तरह की अफवाह न जाईये |
यहाँ मैं एक बार फिर सभी लोगों से अपील करता हूँ …कि वे किसी भी तरह की अफवाह में न जायें | यहाँ कुछ लोगों की टिप्पणियाँ में साझा कर रहा हूँ |
जहां मुस्लिम नमाज पढ़ते थे वो मुस्लिमों को दिया जाए. --जस्टिस अग्रवाल की राय
बाबर ने ढांचा बनवाया लेकिन ये इस्लाम के उसूलों के ख़िलाफ़ था इसलिए इसे मस्जिद नहीं माना जा सकता. ---कोर्ट
लोग शांति बनाए रखें और लोग अफ़वाहों पर ध्यान न दें.---मायावती मुख्यमंत्री यूपी
इस मामले में भगवान राम का व्यक्तित्व कतई किसी विवाद में नहीं है जिन्हें अल्लामा इक़बाल जैसे कवियों ने इमाम-ए-हिंद की पदवी दी थी. ये विवाद बाबर के शासन से भी संबंधित नहीं है जिसने इब्राहीम लोधी को हराकर देश पर अपना शासन स्थापित किया था. -----मुस्लिम वकीलों का बयान
ये फ़ैसला बैलेंसिंग एक्ट है. मस्जिद का बंटवारा नहीं हो सकता. मुस्लिम भाई सब्र करें. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. कासिम रसूल इलियास ( मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड)
इस फ़ैसले से आनंद होना स्वाभाविक है लेकिन सभी को शांति के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे कि किसी के दिन को ठेस पहुँचे| -----मोहन भागवत (आरएसएस)
और अगर आप ओरिजिनल कॉपी पढना चाहते है , तो नीचे लिंक दे रहा हूँ |
decision on ayodhya verdict original copy ayodhya verdict original copy-part 2 Ayodhya verdict original copy part-3 ayodhya verdict original copy part-4
या फिर ऑफिसियल साईट पर जाकर पढ़ सकते है |
अगर लगातार होते अपडेट जानना चाहते है तो “गूगल अपडेट्स” का सहारा लें …वहां सर्च करें Ayodhya verdict, या allahabad high cort
या फिर मेरे ट्विटर Account पर आ जाईये |
एक बार फिर अपील, “कृपया शान्ति बनाएँ रखिएँ ….किसी की भी हार जीत नहीं हुई |”