समाचार के कई स्त्रोत है ..पर गांव देहात में ऐसे स्त्रोतों की संख्या सीमित हो जाती है ..या कहें की कई इलाके तो अभी भी देश दुनिया में क्या हो रहा है ..इससे कटे हुए है
और शहरों में भी ..आजकल की मीडिया ..ग्रामीण अंचलों की खबरों को बिल्कुल तब्बजो नहीं देती है | सिर्फ कुछ घरानें ही उसका देश बन चुके है |
घुमा फिराकर वाही दिखाते रहते है | जबकि हम्हें पता होना चाहिए करीब देश की 73% जनता या तो समाचारों से दूर है |
इसी खाई को पाटने के लिए फर्रुखाबाद के पत्रकार पंकज दीक्षित ने एक नया प्रयास किया है:
जेएनआई नामक समाचार एजेंसी स्थापित करके |
'गाँव और शहर के उन लोगो तक जो पारंपरिक मीडिया (टीवी अख़बार और रेडियो) की पहुच से दूर हैं उन्हें SMS द्वारा खबरे और सूचनाएँ भेज जागृत करने में सफलता पायी| वहीँ इन्टरनेट वेब पोर्टल पर उन्ही खबरों को लगाकर देश और दुनिया के कोने कोने में उनकी आवाज पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है|"
"उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में इसका पायलट प्रोजक्ट एक साल पहले 4 अप्रैल 2010 को शुरू किया गया था| एक साल में ही एक जनपद फर्रुखाबाद के 62000 मोबाइल धारको ने सेवाओं के लिए SMS आवेदन किया जिसमे 65% आवेदक ग्रामीण अंचल से थे| "
उत्तर प्रदेश के एक दर्जन जनपदों में ये सेवाएं प्रारंभ हो चुकी है| वर्ष 2010 के अंत तक उत्तर प्रदेश के आधे हिस्से को कवर करने के बाद 2011 में इसका राष्ट्रीयकरण करने की योजना है|
बस अपने मोबाइल के ब्राउजर से www.jnilive.com साईट को खोलिए | और शामिल हो जाईये इस नए प्रयास में ..जहाँ आपको मिलेगी ..ताज़ा और अनछुई खबरें |
अंत में एक बात और बता दूं फर्रुखाबाद जिले की सीमा मेरे गांव के बिल्कुल पास है ..और मैंने १२वीं की पढाई भी फर्रुखाबाद से ही की है ..और अब नए परिसीमन से मेरा (अलीगंज मंडल) संसदीय क्षेत्र भी फर्रुखाबाद हो गया है | और भी बहुत सी यादें जुडी हुई है ...फर्रुखाबाद से ......
और शहरों में भी ..आजकल की मीडिया ..ग्रामीण अंचलों की खबरों को बिल्कुल तब्बजो नहीं देती है | सिर्फ कुछ घरानें ही उसका देश बन चुके है |
घुमा फिराकर वाही दिखाते रहते है | जबकि हम्हें पता होना चाहिए करीब देश की 73% जनता या तो समाचारों से दूर है |
इसी खाई को पाटने के लिए फर्रुखाबाद के पत्रकार पंकज दीक्षित ने एक नया प्रयास किया है:
जेएनआई नामक समाचार एजेंसी स्थापित करके |
'गाँव और शहर के उन लोगो तक जो पारंपरिक मीडिया (टीवी अख़बार और रेडियो) की पहुच से दूर हैं उन्हें SMS द्वारा खबरे और सूचनाएँ भेज जागृत करने में सफलता पायी| वहीँ इन्टरनेट वेब पोर्टल पर उन्ही खबरों को लगाकर देश और दुनिया के कोने कोने में उनकी आवाज पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है|"
"उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में इसका पायलट प्रोजक्ट एक साल पहले 4 अप्रैल 2010 को शुरू किया गया था| एक साल में ही एक जनपद फर्रुखाबाद के 62000 मोबाइल धारको ने सेवाओं के लिए SMS आवेदन किया जिसमे 65% आवेदक ग्रामीण अंचल से थे| "
उत्तर प्रदेश के एक दर्जन जनपदों में ये सेवाएं प्रारंभ हो चुकी है| वर्ष 2010 के अंत तक उत्तर प्रदेश के आधे हिस्से को कवर करने के बाद 2011 में इसका राष्ट्रीयकरण करने की योजना है|
बस अपने मोबाइल के ब्राउजर से www.jnilive.com साईट को खोलिए | और शामिल हो जाईये इस नए प्रयास में ..जहाँ आपको मिलेगी ..ताज़ा और अनछुई खबरें |
अंत में एक बात और बता दूं फर्रुखाबाद जिले की सीमा मेरे गांव के बिल्कुल पास है ..और मैंने १२वीं की पढाई भी फर्रुखाबाद से ही की है ..और अब नए परिसीमन से मेरा (अलीगंज मंडल) संसदीय क्षेत्र भी फर्रुखाबाद हो गया है | और भी बहुत सी यादें जुडी हुई है ...फर्रुखाबाद से ......
पंकज दीक्षित की सोच एक सच्चे पत्रकार की है और मैंने उनके कामों को अपने स्तर पर जांचा है और पाया की उनका प्रयास उम्दा और सराहनीय है ,मेरी उनसे फोन पर तो बात हुयी है लेकिन मिलने की तमन्ना है ,ऐसे लोग इस देश और समाज के असल रक्षक है ,आपने ऐसे लोगों पर पोस्ट लिखकर इनको सही सम्मान दिया है ,इसके लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं ...पंकज दीक्षित से और भी पत्रकार को सिख लेनी चाहिए ...
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश सरकार
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