'सिगरेट' शब्द तो आपने सुना ही होगा, काफी घातक और खतरनाक "शब्द" मैं मानता हूँ | अब 'सिगरेट' में भी 'ई' उपसर्ग लग जाये तो , हाँ हाँ जैसे "ई-मेल",.....इसी तरह "ई-सिगरेट" तो कैसा रहेगा | 'सिगरेट' और इलेक्ट्रोनिक कैसे ?? क्यूँ नहीं आज "ई-सिगरेट" उपलब्ध है | अब कैसी है ये "ई-सिगरेट" तथा कैसे भिन्न है ये साधारण सिगरेट से ...आईये जानते है |
"ई-सिगरेट" एक छोटा सा इलेक्ट्रोनिक डिवाईस है , जोकि "निकोटिन" को भाष्पित रूप में उपलब्ध कराती है | इस तरीके की पहली "ई-सिगरेट" 2003 में चीन में बनायीं गयी थी |
ये परम्परागत सिगरेट से थोड़ी बहुत कम नुकसानदेय साबित हो सकती है, क्यूंकि इसमे धुंआ नहीं निकालता है , जिससे की सामने वाले व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं है | जिसे "पेसिव स्मोकिंग' कहते है,उसका इसमे कोई खतरा नहीं रहता है | बाकी पीने वाले के लिए ये उतनी ही नुकसानदेय है |
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ये काम कैसे करती है, ये देखते है , जब सिगरेट पीने वाला व्यक्ति पाईप में सांस खींचता है तब इसमे लगे एक सेंसर के द्वारा ये खिचांव महसूस किया जाता है, जोकि डिवाईस में लगे एक "हीटिंग एलेमेन्ट" को सक्रीय कर देता है , जोकि "निकोटिन" को "भाष्पित" करके उसे "मुंहनाल (माउथपीस)" तक ले जाता है | इसमे एक स्विच लगा होता है , जोकि "हीटिंग एलेमेन्ट" को सक्रीय या निष्क्रिय करने के
लिए लगा होता है| कुछ मॉडलस में एक लाल LED बल्ब भी लगा होता है |
अब सिगरेट ही तो है , मैं कहूँगा इन चीजो से बहुत दूर रहो |
सिगरेट पीने से कैंसर होता है | और कैंसर बहुत ही खतरनाक और लाइलाज बीमारी है | अतः मैं स्पष्ट शब्दों में कह रहा हूँ कि सिगरेट या किसी दुसरे मादक पदार्थ से दूर रहे |
मेरा मकसद यहाँ सिर्फ नयी तकनीक के बारे में सूचना देना है |</span>
सिगरेट पीने वालों के लिए तो बढ़िया जानकारी है |
ReplyDeleteमेरे लिये तो एकदम नयी जानकारी है। सावधान।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत सही है राहुल जी। नई नई जानकारियां देते रहिए।
ReplyDeleteराहुल जी यह नुकसान तो करती ही है हमारा मनना है इन सब दूर ही रहना चाहिए। यह सब बिजनेस करने का एक तरीका है। आप शब्दनगरी पर भी ऐसी रचनाएं लिख सकते हैं। वहां पर भी तलब ऐसी की फ्लाइट में चुपके से फूंक ली सिगरेट , उसके बाद जो हुआ जैसे लेख पढ़ व् लिख सकते हैं।
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