
आजकल ज्यादातर डॉक्टर्स जो दवाईयां प्रीस्क्राइब्ड (prescribed) करते है, उनका महंगा होने के पीछे, कंपनियों की तरफ से डॉक्टर्स को मिलने वाला मोटा कमीशन या इंसेंटिव भी एक बड़ा कारण होता है | इसको आप ऐसे भी देख सकते है कि अगर हम समान रासायनिक लवणों (Salt) और सूत्र वाली वही दवा किसी कम पोपुलर कंपनी या बिना ब्राण्ड की (generic) दवा लेते है, तो काफी सस्ती पड़ती है | ये बात पहले से पब्लिक डोमेन में है, इस पर सरकार भी जोर देती रहती है कि जेनेरिक दवाईयों को...