लगातार सायबर हमलों को देखते हुए भारत सरकर एक नयी योजना पर काम करने की सोच रही है| भारत सरकार अपना खुद का ओपरेटिंग सिस्टम विकिसित करने की सोच रही है |
क्यूंकि मौजूदा ओपरेटिंग सिस्टम को वो सुरिक्षित नहीं मानती, क्यूंकि इनमे "ऑनलाइन सिस्टम अपग्रेड" जैसे झंझट शक के दायरे में है | और ये सिस्टम ज्यादातर विदेशी है, जिन पर भारत सरकार आँख मूंद कर विश्वास नहीं कर सकती है |
वैसे ये कदम काफी खर्चीला साबित हो सकता है, भारत सरकार पहले 200 डालर खर्च करके अपना माईक्रो-प्रोसेसर बना चुकी है |
ये ओपरेटिंग सिस्टम विशेषकर उन विभागों के लिए होगा, जो लगातार ज्यादा सायबर अटैक झेल रहे है | इन विभागों में प्रधानमंत्री कार्यालय, सुरक्षा, गृह, और सूचना विभाग शामिल है |
सुरक्षा के उपाय अभी भी अपनाये जा रहे है, जैसे सुरक्षा मंत्रालय पहले से ही कई कम्प्यूटर्स को इन्टरनेट से हटा चुकी है, साथ कोई कर्मचारी अपने साथ पेन-ड्राईव नहीं ले जा सकता है |
आप क्या सोचते है क्या सिर्फ यही विकल्प है ? वैसे आजकल कई ओपन-सोर्स भी जिनको पूर्णतः अपने तरीके से ढाला जा सकता है, फिर अतिरिक्त खर्च ....वैसे मैं कहूँगा कि अगर मामला सुरक्षा का हो तो "खर्च" ज्यादा मायने नहीं रखता | वैसे सरकार पूर्णतः अलग अपना तरीके का ओपरेटिंग सिस्टम विकिसित करने सोच रही है जोकि ना तो लिनक्स कर्नल से जुडा हो ना तो विंडोज ...तो चलो देखते है ...क्या निष्कर्ष निकलता है ?
क्या बिल गेट्स सुन रहे हैं?
ReplyDeleteअगर सफल रहा तो विदेशी कम्पनियों के लिए बहुत बड़ा झटका होगा
ReplyDeletebahut achchi khabar..dhanyawad
ReplyDeleteमाफ़ी चाहता हूँ ..एक त्रुटि हो गयी है |
ReplyDelete"भारत सरकार पहले 200 डालर खर्च करके अपना माईक्रो-प्रोसेसर बना चुकी है |"
उपरोक्त लाईन में 200 डालर नहीं बल्कि 200 मिलियन डालर है |
कुछ लोग लाल होंगे, कुछ सपरिवार विदेश घूम आएँगे। घूम फिर कर फेर बैतलवा वोहि डाढ़ी। वापस ऑपरेटिंग सिस्टम - विंडोज।
ReplyDeleteयूनिक्स बेस्ड सिस्टम चुपचाप कस्टमाइज कर लागू किए जा सकते हैं लेकिन फिर ....हो हल्ला कैसे होगा !
हूँ...§...§...§...§.....
ReplyDeleteआगे आगे देखिए होता है क्या.........!!!
bhai ye india hai dekhna kal ko koi na koi prob jaru hogi..
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