जी हाँ ..आपने “मनी प्लांट” के बारे में तो सुना होगा …सुना क्या देखा भी होगा …लोगों का मानना है ..वो घर की सम्रद्धि के साथ साथ बढ़ता है | यानी अगर आमदनी कम तब ..मुरझाता जाएगा …जब आमदनी अच्छी ..तब तो बल्ले बल्ले ….
पर ये “फेसबुक प्लांट” …ये कैसे ?
भाई मैंने तो पढ़ा था …कि पौधे कार्बन-डाई-आक्साईड और सूर्य की रोशनी और जल से क्रिया करके प्रकाश संश्लेषण क्रिया से फलते- फुलते है |पर ये पौधा कैसा है …?
Meat Eaten एक ऐसा गार्डन है जहाँ पौधों को पोषक तत्व (या कहे उन्हें ब्रद्धि करने के जो भी चाहिए) आपसी सामाजिक मेलझोल से मिलता है| दरअसल, ये एक प्रयोग है जो मनुष्यों तथा पौधों के बीच के सबंधों को जानने के लिए किया जा रहा है | यानी हमारी गतिविधियों का पेड़-पौधों पर क्या प्रभाव पडता है |
यहाँ एक ऐसा सिस्टम है, जिसमे जितने ज्यादा लोग यहाँ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे …उतने पोषक तत्व पौधे को स्वतः दिया जायेगा |यानी ज्यादा से ज्यादा ह्यूमन इंटररेक्सन होने से स्वतः ज्यादा पानी मिल जायेगा |
पोषक तत्व तब मिलेंगे जब ज्यादा से ज्यादा लोग इसके फेसबुक अकाउंट से जुडेंगे |
ज्यादा जानकारी आपको इसके फेसबुक पेज पर मिल जायेगी |
आप भी इसको ज्यादा से ज्यदा बढ़ाने में मदद करेगें न ?
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