Pages

Tuesday

“विकिलीक्स(WikiLeaks)” पर आप पढ़ सकते है, कई गोपनीय/अतिगोपनीय सरकारी दस्तावेज

विकिपीडिया के जादू से तो आप वाकिफ हैं ही …इसी विकि शब्द से जुडी एक और साईट है विकिलीक्स(WikiLeaks) जहाँ कई ऐसे  गोपनीय/अतिगोपनीय दस्तावेजों को आप पढ़ सकते है, जिन्हें जनता से छुपाया गया है | पर मैं यहाँ एक बात साफ़ कर देता हूँ विकिलीक्स(WikiLeaks) विकिपीडिया का उत्पाद नहीं है, बल्कि ये Sunshine Press का प्रोजेक्ट है | रंगरूप विकिपीडिया से मिलाता झूलता, इरादे विकिपीडिया जैसे…और खरा भी उतर रहा है |

WikiLeakes

हाल ही समाचारों में आपने इसके चर्चे जरूर सुने होंगे, नहीं सुने तो एक दो इसके धमाकेदार “लीक्स(Leaks)” मैं यहाँ बता देता हूँ ..फिर आगे बढ़ता हूँ |

विश्व सन्दर्भ में:

१. 91,000 पेजों वाली “अफगान युद्ध डायरी” जो सैनिकों तथा इंटेलिजेंस अफसरों के द्वारा लिखी गयी है यहाँ मौजूद है| जो इस समय विश्व मीडिया में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है | इसमे पाकिस्तान सेना, अमेरकी सेना के कई राज़ खुलकर सामने आये है |

२.CIA report into shoring up Afghan war support in Western Europe, 11 Mar 2010

३.Update to over 40 billion euro in 28167 claims made against the Kaupthing Bank, 3 Mar 2010

भारत के सन्दर्भ में :

१.Confidential plans for 1.2 billion ID cards: Creating a Unique ID for every resident in India

२.  Indian Army Doctrine-part1 2004

और भी बहुत सारे

चलो अब और जानते है विकिलीक्स(WikiLeaks) के बारे में, अब आप ये कहेंगें कि जो लोग यहाँ ऐसे गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध(अपलोड) कराते है, उनकी पहचान या सुरक्षा की गारंटी ? हाँ है इसका यहाँ प्रावधान…दस्तावेज अपलोड करने वाले की पहचान बिलकुल “अज्ञात” रखी जाती है |

ये तो साफ़ है …विचार क्रांतिकारी है ..दस्तावेजों पर एकदम कैसे विश्वाश कर लें? क्या इसका दुरपयोग(राजनैतिक लाभ या कोई और) नहीं होगा?

क्या देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियां इसे बंद कराने का भरपूर प्रयास नहीं करेंगी?

तमाम सवाल …कुछ सवाल आपके मन में भी उमड़ रहे होंगें….जरूर बताएं …

5 comments:

  1. राह निकलेगी..सदुपयोग और दुरुपयोग दोनों ही होंगे.

    ReplyDelete
  2. मेरे विचार से "सदुपयोग" ज्यादा होगा (ईमानदारों के लिये) और "दुरुपयोग" होगा (भ्रष्ट नेताओं के लिये) :) :)
    अरे भाई, विश्व की महाशक्ति को हिलाकर रख दिया है तो इतनी आसानी से बन्द भी नहीं होगा अब… :)

    ReplyDelete
  3. both are possible, but it is harmful for the safety of a country.

    ReplyDelete
  4. थाईलेंड में तो ब्लोक है... मिरर से पढाना पडेगा..

    ReplyDelete