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गांव से वापस आया हूँ, सोचा कुछ तस्वीरें शेयर की जायें

पिछले कुछ दिनों से मैं "ब्लोग दुनिया" से नदारद था तो पहले मेरे एक्जाम चल रहे थे और फिर मैं "घर" चला गया है| अब फिर से वापस आ गया हूँ | कुछ फोटोग्राफ्स लाया हूँ, सोचा क्यूँ ना शेयर किये जायें |
एक पुरानी भी पोस्ट है |

१. ये है मेरा गांव (संपर्क सड़क) (My Village)



2.ये है गांव के दक्षिण क्षेत्र में एक विशाल हरित क्षेत्र
(जिसका जिक्र मैं पिछली एक पोस्ट में कर चुका हूँ)

3.इसी क्षेत्र की एक और फोटो



४. मेरा घर (My House)

5..मंदिर (Temple)


६..श्री श्री 1008 पूज्य बाबाजी की समाधि


 7. ट्रांसफार्मर, जिससे पूरा गांव को जगमगाता है


  











 

8. जामुन का मौसम चल रहा है


९. खूब जमकर खाए जामुन


१० साथ ही मूंगफली भी




११. साथ ही "आम" भी



१२. ट्यूब-वेल


१३ बस

"बस" तो बस ...अभी इतने ही फोटो काफी बचे है अगली किसी पोस्ट में
फोटो की क्वालिटी 1.3 MP की है और सभी मोबाइल से लिए गए है |


12 comments:

  1. सुन्दर गाँव

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  2. जामुन देख कर तो अपने मुंह मे भी पानी आ गया। अच्छी लगी तस्वीरें। धन्यवाद

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  3. बहुत सुंदरा है आपका गाँव | एक बार जरूर आना पडेगा वंहा पर |

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  4. हाँ अब तो बुला ही लो ... आना ही पड़ेगा ... बहुत सुंदर ... ट्यूबवेल और जामुन ... मज़ा आ गया

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  5. बहुत ही अच्छी प्रस्तुती साथ ही ग्रामीण परिवेश को सम्मान देने की कोशिस | गांवों के बारे में हम सब को मिलकर सोचने की जरूरत है |

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  6. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
    सभी सादर आमंत्रित है |

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  7. बढ़िया लगी..

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  8. फ़ोटो तो अच्छे हैं पर 1.3 mp की अपनी सीमा होती ही है

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  9. हाय!! मूंगफली!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


    कितनी यादें जिन्दा कर दी!!

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  10. हां, अब भी याद आए गांव
    कोश सहस्र से लुभाए गावं
    वो गरमी की सूनी सड़कें
    वो सरदी की अलाव पर कड़कें
    बिसरा कैसे जाए गावं

    अब भी याद आए गांव..

    वो उजली धूप सी खुशियां
    वो मित्रों की बतकहियां
    चांदी सी निखरी वो नदियां
    रह रह टीस उठाए गांव..

    अब भी याद आए गांव..

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